1. पृष्ठभूमि और संदर्भ: भरोसे की बुनियाद 🤝
वन विभाग, राजस्थान ने अपने दूरदर्शी आदेश क्रमांक 08113 दिनांक 9.10.2024 के माध्यम से 'वन मित्र' (Van Mitra) कार्यक्रम शुरू करके, स्थानीय स्वयंसेवकों को 'जंगल के दोस्त' के रूप में जोड़कर, लोगों पर अपने गहरे विश्वास को फिर से व्यक्त किया है।
हम Hello Kisan और Nav Bhumika इस पहल की सराहना करते हैं। इसी भरोसे के आधार पर, हमने वन मित्रों के प्रशिक्षण के लिए एक प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, जिसे DCF जयपुर द्वारा सहर्ष स्वीकार किया गया।
अब, इसी विश्वास की नींव पर खड़े होकर, हम इस साझेदारी को for Van Mitra एक दीर्घकालिक, आत्मनिर्भर व्यावसायिक मॉडल में बदलना चाहते हैं। हमारा मानना है कि वन मित्रों को केवल स्वयंसेवक नहीं, बल्कि वन-अर्थव्यवस्था के उद्यमी बनाकर ही हम वन स्वास्थ्य को स्थायी रूप से सुधार सकते हैं और साथ ही, उनके लिए सम्मानजनक आजीविका के अवसर पैदा कर सकते हैं। यह पूरा मॉडल एक स्टार्टअप-इनक्यूबेशन इकोसिस्टम के तहत काम करेगा।
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2. रणनीतिक दृष्टिकोण: स्वयंसेवक से सामुदायिक उद्यमी तक 🚀
हमारा प्रस्ताव वन मित्रों की भूमिका को एक नई पहचान देता है I Community Entrepreneurs. ये उद्यमी, FPO कृषक उत्पादक संगठन जैसे संस्थागत ढांचे के तहत काम करेंगे।
• FPO स्टाइल संस्थाएँ: हर स्थानीय समूह एक स्थानीय व्यावसायिक इकाई के रूप में काम करेगा। यह FPO कानूनी, वित्तीय और सामाजिक रूप से मजबूत होगा, जिससे उन्हें बड़े बाज़ार से जुड़ने और बैंक से कर्ज़ लेने में आसानी होगी ।
• वन विभाग की भूमिका: वन विभाग इसमें मुख्य सूत्रधार means Anchor and Facilitator होगा। विभाग यह सुनिश्चित करेगा कि सारे काम पर्यावरण-हितैषी हों और वन मित्रों को विभाग का समर्थन and Legitimacy प्राप्त हो।
• Hello Kisan + Nav Bhumika की भूमिका: हम मार्गदर्शक like Mentors, तकनीकी सहायक, और व्यावसायिक इनक्यूबेटर की तरह काम करेंगे। हम उन्हें सिखाएंगे कि छोटे काम को बड़े बाज़ार से कैसे जोड़ा जाए (Startup-isation)
हमारा उद्देश्य वन मित्रों को केवल अनुदान like Grant funds पर निर्भर न रखना, बल्कि उन्हें इतना सक्षम बनाना है कि वे अपने उद्यम से खुद पैसा कमाएँ और अपनी संस्था को आगे बढ़ाएँ।
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3. आत्मनिर्भरता का सिद्धांत: अनुदान नहीं, उद्यम चाहिए 🌱
हमारा प्रस्ताव विभाग से सीधा वित्तीय अनुदान or Direct Funding नहीं मांगता है। हम सब्सिडी के बजाय सेवा-आधारित और उत्पाद-आधारित राजस्व पर आधारित एक मॉडल present करते हैं।
हमारा मानना है कि प्रोजेक्ट के नाम पर सरकारी पैसे पर निर्भर रहने से पहल लंबी नहीं चलती। इसलिए, हमने आत्मनिर्भरता means Self-Sustainability को मूल मंत्र बनाया है, जो Revenue सृजन पर टिका है:
• कौशल-आधारित सूक्ष्म-उद्यम; Skill-based Micro-enterprises: प्रकृति, वन और पर्यावरण से जुड़े छोटे-छोटे काम जो बाज़ार की मांग पर आधारित हों।
• सेवाएँ किराए पर देना Custom Hire Services: जैसे मशीनें किराए पर देना या किसी काम का ठेका लेना।
• सलाहकार और उत्पादन से राजस्व Advisory & Production Revenue: नर्सरी, बागान Plantation और अन्य सेवाओं से कमाई करना।
यह आत्मनिर्भर मार्ग न केवल संस्था को मजबूत करता है, बल्कि वन मित्रों के भीतर एक उद्यमी भावना (Entrepreneurial Spirit) भी जगाता है।
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4. आर्थिक गतिविधियाँ और राजस्व स्रोत: 14 उद्यमों की शक्ति 💰
हम पारंपरिक NTFP (गैर-इमारती वन उत्पाद) पर निर्भरता कम करके, बाज़ार की मांग के अनुसार विविधता ला रहे हैं। हर वन मित्र FPO अपनी स्थानीय जलवायु और संसाधनों के अनुसार एक या अधिक गतिविधियाँ चुन सकता है।
यहाँ many Income Business मॉडल दिए गए हैं, जो पारिस्थितिक और आर्थिक संतुलन बनाए रखते हैं:
1. टर्नकी प्लांटेशन ठेके (Turnkey Plantation Contracts): निजी भूस्वामियों, बिल्डरों, स्कूलों या CSR कार्यक्रमों के लिए बड़े पैमाने पर पौधारोोपण और उनकी देखरेख का ठेका लेना।
2. फार्म सलाहकार सेवाएँ (Farm Advisory Services): व्यावसायिक किसानों को आधुनिक खेती और मौसम के अनुकूल कृषि की सलाह देना।
3. गुणवत्तापूर्ण रोपण सामग्री उत्पादन (Quality Planting Material): ऐसी नर्सरी चलाना जो प्रमाणित (Certified) और उन्नत बीजों से पौधे तैयार करे, जिनकी मांग बाज़ार में ज़्यादा हो।
4. पशु चारा उत्पादन एवं साइलेज इकाइयाँ (Fodder & Silage Units): ड्रिप सिंचाई या हाइड्रोपोनिक (बिना मिट्टी की खेती) से साल भर उच्च प्रोटीन वाला चारा उगाना।
5. मोबाइल फ्यूल ब्रिकेटिंग इकाइयाँ (Mobile Fuel Briquetting): कृषि अपशिष्ट या बायोमास को इकट्ठा करके उसे ईंधन की ईंटों (Briquetting) में बदलना, जो ग्रामीण ऊर्जा का एक स्वच्छ स्रोत है।
6. बेलिंग प्रेस किराये की सेवाएँ (Baling Press Hire): पशु चारे को परिवहन के लिए आसान गांठों में बांधने वाली मशीन किराए पर देना।
7. जियोडेसिक स्टोरेज स्ट्रक्चर (Geodesic Storage Structures): पोर्टेबल, गुंबद के आकार के ढाँचे बनाना और उन्हें किराए पर देना, जिसका उपयोग अस्थायी भंडारण के लिए किया जा सकता है।
8. मंदिर वन रोपण कार्यक्रम (Temple Van Plantation): CSR और धार्मिक भावनाओं को जोड़कर सामाजिक-पर्यावरण अभियान चलाना।
9. मधुमक्खी पालन एवं बी-हायरिंग सेवाएँ (Bee Keeping & Bee Hiring): शहद उत्पादन के साथ-साथ, किसानों के खेतों में परागण (Pollination) के लिए मधुमक्खी के बक्से किराए पर देना (यह हमारे पिछले MOBILE THANDA GODAAM सिद्धांत के सेवाविस्तार जैसा है)।
10. विदेशी छोटे पशु प्रजनन समर्थन (Exotic Small Animal Breeding): बकरी, मुर्गी या खरगोश की उन्नत और रोग-मुक्त नस्लों का प्रजनन करके किसानों को उच्च गुणवत्ता वाले बच्चे बेचना।
11. विकेन्द्रीकृत मछली हैचरी (Decentralized Fish Hatcheries): छोटे स्तर पर मछली के बीज (Fish Seeds) पैदा करना, जिनकी स्थानीय तालाबों और खेतों की जल इकाइयों में मांग होती है।
12. देसी मुर्गी प्रजनन इकाइयाँ (Desi Poultry Breeding Units): बाज़ार की मांग के अनुरूप कड़कनाथ या अन्य उच्च-मूल्य वाली देसी नस्लों का प्रजनन करना (जो हमने पहले चर्चा की थी)।
13. प्राकृतिक जड़ी-बूटी संग्रह और गुणवत्ता प्रमाणन केंद्र (Natural Herb Collection & Certification): वन से जड़ी-बूटियाँ इकट्ठा करना, उनकी गुणवत्ता की जांच करना और उन्हें सीधे फार्मा कंपनियों को ऊँचे दाम पर बेचना।
14. वन भ्रमण एवं प्रकृति शिक्षण टूर (Forest Excursions and Nature Learning): ईको-टूरिज्म और नेचर वॉक आयोजित करना, जिससे शहरी बच्चों और पर्यटकों को प्रकृति के बारे में सीखने को मिले।
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5. क्रियान्वयन तंत्र: तीन चरणों में सफलता 📈
हम इस पहल को तीन चरणों में लागू करेंगे, जिससे सीखने और उसे सुधारने का पर्याप्त मौका मिले:
5.1 चरण 1 – पायलट परियोजना (6 माह में पूरा)
• जयपुर वन प्रभाग के चुने हुए वन मित्रों की क्षमता निर्माण that is Capacity Building।
• क्षेत्रों से पायलट वन मित्र FPO का गठन।
• प्रशिक्षण और निगरानी के लिए IT सक्षम प्रणाली का उपयोग।
5.2 चरण 2 – विस्तार (वर्ष 1 में पूरा)
• चुने हुए 2 - 3 प्रमुख व्यावसायिक मॉडलों (जैसे Poultry, Fodder, Beekeeping) को ज़मीनी स्तर पर शुरू करना।
• स्टार्टअप इनक्यूबेशन समर्थन और बाज़ार तक पहुँचने के लिए नेटवर्क बनाना।
5.3 चरण 3 – संस्थागतकरण (वर्ष 2 और उससे आगे)
• वन मित्र FPO को पंजीकृत हरित स्टार्टअप (Registered Green Startups) के रूप में मान्यता दिलाना।
• आजीविका को बनाए रखने के लिए ग्रीन जॉब्स और CSR कार्यक्रमों के साथ पूर्ण एकीकरण।
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6. संस्थागत भूमिकाएँ: कौन क्या करेगा? 🗺️
यह साझेदारी स्पष्ट भूमिकाओं पर आधारित है:
• वन विभाग: नीति बनाना और सुविधा प्रदान करना, तकनीकी मार्गदर्शन देना, और पर्यावरण गतिविधियों के लिए वन भूमि का आवंटन सुनिश्चित करना।
• Hello Kisan: व्यावसायिक इनक्यूबेशन, IT मंच, बाज़ार संपर्क, उत्पादों की ब्रांडिंग, और प्रदर्शन की रिपोर्टिंग।
• Nav Bhumika: ज़मीनी प्रशिक्षण, स्थानीय लामबंदी (Local Mobilization), और क्षमता निर्माण।
• वन मित्र FPOs: परियोजना को लागू करना, उद्यम का संचालन करना, और राजस्व साझा करना।
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7. अपेक्षित परिणाम: लाभ ही लाभ ✨
यदि यह मॉडल सफल होता है, तो हमें ये मुख्य परिणाम मिलेंगे:
• जयपुर वन प्रभाग में इको-उद्यमियों के रूप में काम करने वाला एक सशक्त वन मित्र नेटवर्क।
• अनुदान पर निर्भरता में कमी; वन-आधारित आजीविका में स्थायी वृद्धि।
• पौधारोपण, नर्सरी और संसाधन डेटा का डिजिटल रिकॉर्ड और निगरानी।
• अन्य ज़िलों और राज्यों में दोहराया जा सकने वाला एक सफल सामुदायिक-व्यवसाय मॉडल।
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8. कार्यवाही के लिए आह्वान (Call to Action)
हमारा लक्ष्य वन मित्रों को आत्मनिर्भर बनाना है। हम विभाग से केवल समर्थन चाहते हैं:
1. इस मॉडल को वन मित्र Agenda के तहत एक सामुदायिक उद्यम पहल के रूप में मान्यता प्रदान करना।
2. DFO कार्यालय की निगरानी में जयपुर प्रभाग में इस पायलट प्रदर्शन की अनुमति देना।
3. FPO पंजीकरण और मौजूदा वानिकी एवं CSR कार्यक्रमों के साथ Convergence की सुविधा प्रदान करना।
हमारा दृढ़ विश्वास है कि यह साझेदारी वन मित्र कार्यक्रम को भारत के ग्रामीण उद्यमिता और पर्यावरण संरक्षण के क्षेत्र में एक रोल मॉडल बना देगी।
निवेदक, प्रोग्राम हेड
Hello Kisan & Nav Bhumika
